रिटायर्ड प्रिंसिपल चीफ़ कमर्शियल मैनेजर नार्थ सेंट्रल रेलवे शैलेंद्र कपिल ने डिजिटल तकनीक से समग्र विकास पर लिखी कविता
*डिजिटल तकनीक
से समग्र विकास*
दुनिया बदल रही है, भारतीय रेल हर कोने
में पहुंच रही है,
जन जन की आकांक्षाएं
पूरी हो रही हैं,
भारतीय रेल की पैसेंजर
सेवा अभी भी घाटे में चल रही है,
रेलगाड़ियां हर दिन
भर भर करचल रही हैं,
छत पर चढ़कर चलना
सरक्षां के अनूरूप नहीं
है,
नये नये गतंव्य जुड़ रहे
हैं,
मुंबई और दिल्ली की
और भीड़ नहीं थम रही
है,
जनसंख्या बहुल राज्यों
में सेवाओं को राजधानी
से जोड़ना है
और जन जन को इसके
लिए वैद्य टिकट खरीद कर सफर करना है,
डिजिटल क्रांति का भरपूर फायदा उठाना है,
रेलगाड़ियों में अलार्म चेन न पुल करके हर जन के समय को बचाना
है,
स्टेशन खिड़कियों पर अब कतार लगाने की जरूरत नहीं,
प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड कर टिकट
खरीद कर निश्चिंत यात्रा
करनी है भली,
हमें भारतीय रेल को एक लाभकारी संगठन
बनाना है,
टिकट खरीद कर यात्रा करना अपनी आदत में
शुमार कर दिखाना है,
हम भारतीय हैं और हमें
भारतीय होने का गर्व है,
ऐप से टिकट खरीदना
संघर्ष नहीं, बल्कि एक
जागरूक नागरिक का
कर्त्तव्य है,
आओ खुद भी सीखें और अपने साथियों
को भी सिखाएं,
भारत राष्ट्र को समृद्ध
बनाएं और सरकार से
अपनी जायज़ मांगों की
आपूर्ति में जुट जाएं।
✍️ शैलेंद्र कपिल (रिटायर्ड प्रिंसिपल चीफ़ कमर्शियल मैनेजर नार्थ सेंट्रल रेलवे )
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